Jai Verma

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Book reviews

Book review of Saat Kadam by Navin Lohni

जय वर्मा की कहानियों में उनके अनुभव जगत का साक्षात्कार है।  ब्रिटेन की पृष्ठभूमि में रची गई ये सातों कहानियाँ अलग – अलग स्थितियों – परिस्थितियों से रू-बरु कराती हैं।  सात कदम में शामिल  सभी कहानियाँ अपने कथा फलक को पाठक से तारतम्य ही नहीं बिठाती बल्कि अपने… Continue Reading →

Book review of Sahyatri Hain Hum by Anil Sharma

Book line notes /launch 2009, Delhi. From Aksharam Hindi Magazine.  By Anil Sharma, pravasiduniya.com संवेदनशील मन का प्रस्फुटन सहयात्री हैं हम मूल्य : 200/- रुपये पृष्ठ : 144 प्रकाशक : अयन प्रकाशन, 1/20, महरौली, नई दिल्ली-110030 जय वर्मा ब्रिटेन की… Continue Reading →

Book review of Saat Kadam by Ajay Navaria

आख्‍यान और अद्भुत विवरणों की कथाकार   (Saat Kadam) यह कहना अनुचित नहीं होगा कि मैं प्रवासी कथा साहित्‍य और विशेषकर कहानी विधा का उत्‍सुक पाठक रहा हूँ। इस उत्‍सुकता या रूचि के तंतु, विभिन्‍न समाजों के सोशियो-कल्‍चरल कंस्‍ट्रक्‍ट के विश्‍लेषण… Continue Reading →

Book Review of Sahyatri Hain Hum by Dr Devi Nagrani

तन की भटकन, मन की छ्टपटाहट को झेलते हुए जीवन–यात्रा में “सहयात्री हैं हम”  पलों के पैमाने पीते हुए जाने कितनी बार हम जीते हैं, कुछ देर ठहर कर स्वांस लेते हैं और आगे बढ़ते चले जाते हैं. निराशाओं के… Continue Reading →

Book Discussion/review of Sah Yatri Hain Hum, 2009

Book discussion / review at the International Hindi Utsav; Delhi, February 2009, with (L-R) Dr Kumar; Anil Sharma; Dr Satyendra Srivastava; Jai Verma; Vivek (background);Dr Madan Lal Madhu, Asghar Wajahat, Susham Bedi, Vigyan Vrat.

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